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मुज़फ्फरनगर, 04 अप्रैल (बु.)। घर से दूर हूँ मैं, थोड़ा मजबूर हूँ मैं….. जी हाँ कोरोना वायरस महामारी में जहाँ लोग पिछले कई दिनों से अपने परिवार के साथ घरों में कैद है तो वही आपकी हमारी हम सबकी जिंदगियों को इस महामारी से बचाने के लिए पुलिस, स्वास्थ्य व अन्य एमरजेंसी सेवाओं की डयूटी में लगे लोगों की मजबूरियां उनके परिवार से उनको दूर किए हुए है। मामला जनपद मुज़फ्फरनगर का है जहां सीओ सदर कुलदीप सिंह पिछले कई दिनों से अपनी डयूटी पर तैनात है और उनके बेटे अर्णव आज के दिन उनसे नाराज़ है। सीओ सदर कुलदीप सिंह आज अपने कर्त्तव्य को निभा रहे है और पिछले कई दिनों से यूपी-उत्तराखंड बॉर्डर पर तैनात पूरी लगन से डटे हुए है। अचानक से सीओ कुलदीप सिंह के बेटे ने कॉल कर अपने पापा को घर आने को कहा तो वो उन्होंने भरे हुए मन से मायूस होते हुए मना कर दिया, क्योंकि आज बाप और बेटे के बीच ड्यूटी के फ़र्ज की दीवार खड़ी है और वो जा नही सकते, आज उनका बेटा नाराज़ है, बेटे अर्णव की नाराज़गी भला हो भी क्यों ना, आज उनके बेटे का जन्मदिन जो है। सीओ सदर कुलदीप सिंह ने वैसे तो अपने बेटे को अपने व्हाटसअप, कॉल और उसको खुश करने के लिए हर एक प्रयास करने के लिए उसको जन्मदिन की शुभकामनाएं तो भेजी, लेकिन बेटे अर्णव की नाराज़गी बदस्तूर जारी है। बेटे की नाराज़गी से आज सीओ सदर कुलदीप सिंह मायूस है। जो चाह कर भी अपने बेटे व परिवार के साथ इस पल को बिता नही सकते। अब ऐसे में हमे समाज को सुरक्षित रखने के लिए अपना कर्तव्यों का पालन करने वाले ऐसे अधिकारियों, कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाने की जरूरत है। हमे सोचना होगा कि ऐसे अधिकारियों, कर्मचारियों व सेवा में लगे भारत माँ के सपूतों को सम्मान दे। आज इस कोरोना वायरस जैसी महामारी में जो आपके हमारे हम सबके लिए अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए डयूटी पर तैनात है। उनको सम्मान देना भी हमारा फ़र्ज़ है। टीम बुलेटिन