नई दिल्ली, 28 अप्रैल (वार्ता)। कोरोना महामारी की मार झेल रही पूरी दुनिया के सामने अब कई तरह की चुनौतियां सामने आ रही हैं। कोरोना संकट के चलते कई तरह के विश्व स्तरीय आयोजन रद्द किए जा चुके हैं। इसी के मद्देनजर ओलंपिक गेम्स 2020 भी एक साल के लिए टाल दिए गए हैं लेकिन अब अगले साल भी ओलंपिक गेम्स का होना मुश्किल लग रहा है।
टोक्यो 2020 ओलिंपिक समिति के अध्यक्ष योशिरो मोरी ने कहा है कि अगर अगले साल तक भी कोरोना महामारी पर काबू नहीं पाया जा सका तो इन खेलों को रद्द कर दिया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक संघ और जापान सरकार ने पिछले महीने ही ओलिंपिक को जुलाई 2021 तक के लिए टाल दिया था। इसका आयोजन अब 23 जुलाई 2021 से होना है।
मोरी ने आगे कहा कि इससे पहले विश्व युद्ध के समय ही ओलिंपिक को रद्द किया गया था। उन्होंने कोरोना वायरस से लड़ाई को ‘एक अदृश्य दुश्मन के खिलाफ जंग’ करार दिया। उन्होंने कहा- अगर वायरस पर नियंत्रण पा लिया जाता है तो हम अगली गर्मियों में जरूर इन खेलों का आयोजन करेंगे।
इससे पहले, जापान मेडिकल एसोसिएशन के प्रमुख योशिटेके योकोकुरा ने चेताया था कि अगर कोरोनावायरस की वैक्सीन नहीं आई तो अगले साल भी इन खेलों का आयोजन करना बहुत मुश्किल होगा।
इस बीच, टोक्यो 2020 की आयोजन समिति खर्चों को कम करने के इरादे से ओलिंपिक और पैरालिंपिक खेलों की ओपनिंग और क्लोजिंग सेरेमनी एक साथ करने पर विचार कर रही है। इस प्लान के तहत 23 जुलाई को टोक्यो ओलिंपिक के उद्धाटन समोराह के दौरान ही पैरालिंपिक खेलों की शुरुआत भी होगी। वहीं, टोक्यो 2020 का समापन समारोह सितंबर में पैरालिंपिक खेलों के खत्म होने के साथ किया जाएगा। हालांकि, इसके लिए आईओसी की मंजूरी नहीं मिली है।
124 साल के इतिहास में ओलिंपिक 3 बार रद्द हुए हैं और पहली बार टाले गए हैं। पहले विश्व युद्ध के चलते बर्लिन (1916), टोक्यो (1940) और लंदन (1944) गेम्स को कैंसिल करना पड़ा था। यह पहला मौका नहीं है, जब टोक्यो में होने वाले ओलिंपिक को टाला गया। 1940 में इस शहर को पहली बार इन खेलों की मेजबानी मिली थी। लेकिन, चीन से युद्ध की वजह से यह गेम्स रद्द हो गए।