नई दिल्ली, 2 अप्रैल। देशभर में बढ़ते कोरोना महामारी के संक्रमण से चल रही जंग को लेकर पीएम मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद रहे। पीएम ने सभी मुख्यमंत्रियों को केंद्र सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों और इंतजामों के बारे में जानकारी दी। कोरोना से लड़ने के लिए बैठक में मेगा प्लान बनाया गया। पीएम मोदी ने सभी मुख्यमंत्रियों से कहा कि वे राज्यों में सख्ती से लॉकडाउन का पालन कराएं। बैठक के दौरान पीएम मोदी ने सभी को आश्वासन दिया कि सब साथ मिलकर इस महामारी से लड़ेंगे।
बैठक में राज्यों की मेडिकल सेवाओं पर चर्चा की गई। केन्द्र सरकार से राज्य सरकारों ने अपने बकाया पैसे की मांग की है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में राज्यों ने केंद्र से मेडिकल किट के साथ ही आर्थिक मदद की मांग की है। राज्यों ने पीएम मोदी से कहा कि इस बार लॉकडाउन की वजह से राजस्व कलेक्शन में कमी आएगी, इसकी भरपाई केंद्र को करनी चाहिए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2500 करोड़ के मदद की मांग की है। इसके साथ ही 50 हजार करोड़ के पुराने बकाये की भी मांग की गई है। पश्चिम बंगाल की ही तरह पंजाब ने भी 60 हजार करोड़ के पुराने बकाये की मांग की है। इसके साथ ही पंजाब ने नए फसल के आने से पहले केंद्र सरकार से दो लाख मीट्रिक टन गेहूं को रखने की व्यवस्था करने की मांग की।
बैठक के दौरान तब्लीगी जमातियों पर भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा है कि तब्लीगी जमात के जमातियों की अपने-अपने राज्यों में पहचान करें और उन सभी लोगों को जल्द से जल्द अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराएं।
राज्य सरकारों ने केंद्र से लॉकडाउन को बढ़ाए जाने को लेकर सवाल पूछे। राज्य सरकारों ने पूछा कि क्या लॉकडाउन को बढ़ाने का प्लान है।