नई दिल्ली, 2 अप्रैल (वार्ता)। कोरोना वायरस से संक्रमण के देश के विभिन्न राज्यों से नये और मामले आने से इस महामारी से पीड़ितों की संख्या दो हजार से ज्यादा हो गयी है और इसकी चपेट में आकर अब तक 58 लोगों की जान जा चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटों में इससे तीन और पीड़ितों की जान गयी हैं। मंत्रालय के अनुसार देश एक ऐसी संक्रामक महामारी का सामना कर रहा है जिसका प्रसार काफी अधिक है और इस संक्रमण दर को तोड़ने का सबसे प्रभावी तरीका सामाजिक दूरी बनाना तथा लॉकडाउन के नियमों का शत-प्रतिशत पालन करना है। यह व्यक्तिगत स्तर पर सबसे बड़ी जिम्मेदारी है और हर व्यक्ति को इसमें अहम भूमिका अदा करनी होगी नहीं तो देश में अब तक इससे निपटने के जो प्रयास किए जा रहे हैं, वे सभी असफल हो सकते हैं।
मंत्रालय के अनुसार यह महामारी विश्व के अधिकतर देशों में फैल चुकी है और देश में 100 से एक हजार का आंकड़ा पहुंचने में कम से कम 12 दिन लगे हैं जबकि इतने समय में अन्य देशों में यह आंकड़ा कम से कम सात हजार हो गया था और यह सब सरकार के पहले से उठाये गये सुरक्षात्मक कदमों की वजह से संभव हुआ है। सरकार इस महामारी को लेकर काफी पहले से सतर्क थी और इस बीमारी को विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से वैश्विक महामारी घोषित करने से 12 दिन पहले ही अपनी तरफ से काफी तैयारी कर ली गयी थी।
स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर सभी दिशा-निर्देश दिए गए हैं और अगर किसी को खांसी अथवा सांस सबंधी दिक्कत है तो वह खुद की रक्षा के लिए इसे पहन सकता है तथा दूसरों को भी इससे सुरक्षा मिलेगी। जिन क्षेत्रों में अधिक भीड़ है अथवा जहां कोरोना वायरस के अधिक मामले सामने आ रहे हैं, वहां मास्क पहना जा सकता है। सामाजिक दूरी बनाकर इस बीमारी से काफी हद तक बचा सकता है।