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Monday, November 25, 2024

सीमाएं सील करने की एडवाइजरी भी जारी, जिले के बार्डर सील, पुलिस अलर्ट

मुज़फ्फरनगर, 29 मार्च (बु.)। 14 अप्रैल तक लॉक डाउन के ऐलान के बाद दिल्ली समेत देश के विभिन्न राज्यों मेंं फंसे लोगों के अपने घरों की ओर पलायन की घटनाएं तेज होने के साथ इनमें संदिग्ध कोरोना पीडि़तों के कैरियर बनने की आशंका के बीच उठ रही चिंताओं के चलते जहां केंद्र की ओर से ऐसे लोगों को चिह्नित करने और उनका चिकित्सा परीक्षण कराने और ऐसे लोगों को 14 दिन के एकांतवास में रहने के निर्देश जारी किए हैं, वहीं आगे इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार ने सभी राज्यों व जिलों की सीमाएं सील करने की एडवाइजरी भी जारी की है, ताकि लोगों का पलायन रोका जा सके। इसके चलते जिले में सीमाओं को सील करने के साथ बाहर से आने वाले लोगों का ब्यौरा एकत्र करने का काम भी पुलिस ने शुरू किया है।
कोरोना के वायरस कोविड-19 के संक्रमण को लेकर सबसे बड़ी समस्या यही है कि इसका फैलाव बाहर से आए लोगों के द्वारा हुआ है। इसके चलते देश की हवाई सीमाएं तो पहले ही सील करने के साथ देशभर में लॉक डाउन किया जा रहा है, ताकि वायरस से प्रभावित लोग संक्रमण को ना फैला सकें। इसे लेकर ताजा खतरा दिल्ली और नोएडा जैसे कोरोना प्रभावित क्षेत्रों से हजारों की सं या में लोगों का पलायन है। दिल्ली में भोजन आदि की व्यवस्था ना होने और लॉक डाउन लंबा चलने के साथ वहां से विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी या मजदूरी पेशा आदि करने वाले इन लोगों के पैदल अपने परिवारों के साथ लंबी यात्राएं कर अपने घरों को लौटने की खबरों के बीच प्रदेश सरकार द्वारा इन्हें घरों को लौटाने के लिए बसों की व्यवस्था की थी। इसके चलते कल और आज भी ऐसे लोगों को रोडवेज बसों से उनके गंतव्य तक पहुंचाने का क्रम चला। भारी भीड़ के चलते इतने लोगों का चिकित्सा परीक्षण संभव नहीं था। इस बीच तमाम हल्कों से इस बात को लेकर चिंता जताई गई थी कि यदि इन लोगों में कुछ भी कोराना पीडि़त हैं तो वे लॉकडाउन कर इस वायरस के विस्तार को रोकने की पूरी कोशिशों को पलीता लगा सकते हैं। इसके चलते प्रदेश सरकार ने जहां बाहर से आने वाले तमाम लोगों को चौदह दिन तक क्वारंटाइन में रखते हुए उनकी चिकित्सा जांच कराने के आदेश दिए हैं, वहीं केंद्र की ओर से सभी राज्यों व जिलों की सीमाएं सील करने के लिए भी एडवाइजरी जारी की गई है। पड़ौस के मेरठ और शामली जिलों में कोरोना के  पॉजेटिव मामले सामने आने के बाद लॉक डाउन के बीच जिले में भी इसे लेकर ऐहतियात बढ़ा दी गई है।  जिले में प्रवेश के पांच मार्गों पर दूसरे राज्यों या जनपदों लौट रहे लोगों को लेकर निगरानी की जा रही है। जिले में पांच शामली रोड, पुरकाजी के भूराहेडी चैकपोस्ट, खतौली के भंगेला चैकपोस्ट, बुढ़ाना के चेकपोस्ट व रोहाना के टोल प्लाजा पर बैरियर लगाकर पुलिस व मैडिकल की टीम को तैनात  बाहर से पैदल, अपने वाहन या रोडवेज बसों से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का प्राथमिक चेकअप करने को कहा गया है। थर्मल स्कीनिंग के साथ ऐसे लोगों पूरा ब्यौरा पुलिस तैयार कर रही है। उसके बारे में यह विवरण रखा जा रहा है कि वह कहां से आया है और कहां का रहने वाला है, जहां उसे जाना है। इस विवरण के आधार पर संबंधित गांवों के प्रधान को इस संबंध में सूचित कर उस व्यक्ति 14 दिन क्वारटाइन रखने की हिदायत दी गयी है। इसके अलावा जहां किसी भी आकस्मिक स्थिति के मुकाबले के लिए जिले के तमाम चिकित्सलयों की सूची तैयार कर वहां कोरोना पीडि़तों को रखने की तैयारी है, वहीं  प्राथमिक विद्यालयों व अन्य स्कूलों को कब्जे में लेकर क्वारटाइन सैंटर बनाने की तैयारी में है। इन स्कूलों में बाहर से आने वाले लोगों को एकांत वास में रखा जाएगा। डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल ने भी जिले में बाहर से आने वालों तथा यहां से बाहर जाने वालों पर नजर रखने और ऐसा आवागमन  रोकने के आदेश दिए हैं।

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