मीरांपुर, 29 मार्च (बु.)। कोरोना के चलते रविवार को एक डीसीएम में भरकर पंजाब से दर्जनों लोग मीरांपुर पहुँचे, जिनकी सूचना पर उनकी जांच कराने के लिए कुछ सभासद व चेयरमैन पति मौके पर पहुँच गए, तो उन्हें देखकर सभी लोग अपना सामान गाड़ी में ही लदा छोड़कर मौके से फऱार हो गए। सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुँची। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण दूसरे राज्यों में कार्य करने वाले लोगों का अपने अपने घरों को वापस आना लगातार जारी है, किन्तु ऐसे लोगों के समूह के रूप में वापस आने से स्थानीय लोगों में कोरोना को लेकर चिंता बढऩे लगी है। वहीं बाहर से आने वाले अधिकांश लोग अपना मेडिकल परीक्षण कराने से बच रहे हैं, जिस कारण ऐसे लोग चोरी-छिपे देर-सबेर पहुँच रहे हैं तथा जंगलों के आसपास अपने-अपने वाहनों से उतर रहे हैं। रविवार को ऐसे ही दर्जनों लोग एक डीसीएम में सवार होकर पंजाब-हरियाणा से मीरांपुर पहुँचे और यहाँ पेट्रोल प प के समीप जंगल में डीसीएम खड़ी करके उतर रहे थे। इसी बीच खेत में कार्य कर रहे एक किसान ने कुछ सभासदों को इसकी सूचना दे दी, जिस पर मीरांपुर चेयरमैन पति ज़हीर कुरैशी, सभासद पुत्र गौरव त्यागी व कुछ अन्य सभासद उनकी स्वास्थ्य जांच कराने के लिए वहाँ पहुँच गए, किन्तु जांच से बचने के लिए उक्त लोग चेयरमैन पति व सभासदों को देखकर अपना सामान गाड़ी में ही छोड़कर फरार हो गए, जिस पर सभासदों ने पुलिस को इसकी सूचना दी, तो आरोप है कि काफ़ी देर बाद तक भी पुलिस मौके पर नहीं पहुँची। बाद में मामले की सूचना जिलाधिकारी व एसडीएम जानसठ को दी गई, जिसके बाद चीता मोबाइल मौके पर पहुँची, किन्तु तक पंजाब से आए लोग अपना सामान छोड़कर फऱार हो चुके थे। सभासदों का आरोप है कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया बल्कि सूचना देने वाले किसान से ही अभद्रता की, जबकि मु यमंत्री के स्पष्ट आदेश हंै कि बाहर से आने वाले सभी लोगों को 14 दिन तक चिकित्सकों की देखरेख में रखा जाए।