बेटी के जज्बे को सलाम : ई-रिक्शा चलाकर कर रही परिवार की आर्थिक मदद
खतौली, 23 अप्रैल (बु.)। परिवार में बड़े होने का फर्ज एक बेटी ने उस समय निभाया, जब लॉकडाउन में जब परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई, तो संकट की घड़ी में परिवार की बड़ी और लाड़ली बेटी ने आगे बढ़कर जि मेदारी संभाली। सुबह तीन घंटे लॉकडाउन में मिलने वाली छूट में ई-रिक्शा चलाकर परिवार का भरण पोषण किया। मौहल्ला सद्दीकनगर में रहने वाला एक परिवार का पिता के द्वारा मजदूरी करके घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा था। लॉकडाउन से पिता भी बिना मजदूरी के घर पर बैठ गया, जिससे आर्थिक तंगी ने परिवार की कमर ही तोड़कर रख दी। ऐसी स्थिति में परिवार की बेटी अमरीन ने अपनी जि मेदारी निभाने का निर्णय लिया। उसने लॉकडाउन के खुलने वाले समय में सुबह 6 बजे से लेकर 9 बजे तक तीन घंटे ई-रिक्शा चलाने का काम शुरू किया, जिससे वह कुछ रुपये कमाकर अपने पिता का सहारा बनकर अपने परिवार का पालन ठीक से कर सके, जब वह ई-रिक्शा लेकर सड़क पर निकलती है, तो परिवार के लिए अपने फर्ज को अंजाम देने वाली ऐसी बेटी को देखकर हर कोई व्यक्ति उसकी प्रशंसा कर रहा है। उसने मिसाल पेश की है कि बेटी को भी बेटे से कम नहीं समझें।