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Saturday, January 11, 2025

शाहपुर में पिछले दो दिनों में 36 निकाह पढ़े गए

 

शाहपुर, 22 अप्रैल (बु.)। वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते देशभर में लगातार दूसरा लॉकडाउन चल रहा है। पिछले 28 दिनों से चल रहे लाकडाउन में लोग संक्रमण से तो बच रहे हैं, लेकिन कोरोना वायरस ने सैंकड़ों जोड़ों के शादी के अरमान ठंडे कर दिए हैं। हालांकि लाकडाउन के बावजूद शाहपुर में पिछले 2 दिनों के भीतर नगर में कुल 36 निकाह पढ़े गए हैं, जिनमें अकेले मंगलवार को 28 निकाह हुए हैं। यह सभी शादियां बिना बारात व बिना दहेज के संपन्न हो गई। एक अनुमान के मुताबिक अप्रैल महीने में अब तक क्षेत्र भर में 350 से अधिक हिंदू विवाह एवं लगभग 650 मुस्लिम शादियां टाली जा चुकी हैं। क्षेत्र में वैवाहिक कार्यक्रम स्थगित होने से हलवाई व कारीगर सब्जियां बेचकर अपने परिवार का भरण पोषण करने को मजबूर हैं। वहीं बैंडबाजे वाले खेतों में गेहूं काट रहे हैं। इतना ही नहीं लाकडाउन के चलते फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक्स, डेकोरेशन व टेंट व्यवसायियों के साथ-साथ रेडीमेड गारमेंट ,कपड़ा व्यवसाय सिलाई, कढ़ाई वालों के अलावा किरयाना व्यापारियों को भी भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। कोरोना वायरस महामारी के कारण देशभर में विगत 24 मार्च की रात्रि 12:00 बजे से जारी हुए लॉकडाउन का क्रम निरंतर जारी है। 14 अप्रैल से चल रहे लॉकडाउन 2 में आगामी 3 मई तक किसी भी ढील की कोई संभावना नहीं है, क्योंकि जनपद में 14 संक्रमित मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 300 से अधिक की जांच रिपोर्ट आना बाकी है। ऐसे में शाहपुर क्षेत्र में पुलिस प्रशासन शत प्रतिशत लॉकडाउन सुनिश्चित करने में जुटा है। इस लॉकडाउन के चलते तमाम गतिविधियां ठप पड़ी हैं। ज्ञातव्य है कि प्रत्येक वर्ष अप्रैल माह में अधिकतर हिंदू साहा होता है, जबकि रमजान से पूर्व के महीने में मुस्लिम निकाह भी बहुतायत में होते हैं। इन वैवाहिक आयोजनों पर अधिकांश व्यापारिक वर्ग की आजीविका टिकी होती है। विशेष रूप से टेंट कैटरर्स डेकोरेटर्स, बैंडबाजे वालों के लिए तो यह वास्तव में एक सीजन होता है। सूत्रों की माने तो अकेले अप्रैल माह में क्षेत्र भर में लगभग 350 हिंदू विवाह व 650 मुस्लिम शादियां होनी थी, जिन्हें आगामी दो, तीन व अधिकतम 6 माह के लिए टाल दिया गया है, लेकिन कुछ निकाह लॉक में भी जारी हैं, जोकि बिना दहेज बिना सामान व बिना बारात के आयोजित किए जा रहे हैं। अकेले शाहपुर कस्बे में मंगलवार यानी 21 अप्रैल को कुल 28 निकाह हुए, जिनमें कस्बे में बारात आई भी और बाहर से दुल्हनें भी आई हैं। यह सारी रस्में बेहद सादगी से संपन्न हुई, जिनमें दूल्हे के अलावा केवल एक या दो वह अधिकतम 5 लोग शामिल हुए। मांगलिक आयोजन कोरोना वायरस की वजह से फूलों की सजावट करने वाले लोगों अन्य डेकोरेटर्स हलवाई, परचून व्यवसाई, टेंट वाले, बैंकटहाल स्वामी, वेटर व सिलाई कढ़ाई वाले, ज्वेलर्स, फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक्स वाले व बैंड बाजे वालों का सीजन पिट गया है। बैंडबाजों में काम करने वाले कारीगर के साथ-साथ बैंड मालिक भी इस समय गेहूं की फसल काट रहे हैं। वहीं हलवाई, कारीगर गली-मौहल्ले में घूम घूम कर फल सब्जी बेच रहे हैं। बताया जाता है कि हिंदू साया तो टल  ही गया है, वहीं मुस्लिम शादियां भी केवल 24 अप्रैल तक होंगी, क्योंकि इसके बाद रमजान का पवित्र महीना प्रारंभ हो जाएगा तथा एक माह तक कोई आयोजन जैसे भी नहीं किया जाएगा। शेष शादियां ईद के बाद ही होंगी। हालांकि यह भी अभी तय नहीं है की ईद के उपरांत भी स्थितियां सामान्य हो पाएंगी या नहीं। कुल मिलाकर कोरोना जानलेवा तो बना ही है । साथ ही सैंकड़ों जोड़ों के अरमान भी इसने ठंडे कर दिए हैं। वहीं शादी विवाह से जुड़े व्यवसाई लोगों पर भी यह कुठाराघात बनकर सामने आया है।

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