प्रयागराज, 20 अप्रैल (बु.)। महाराष्ट्र के पालघर में साधुओं की मॉब लिंचिंग का मामला लगातार गरमाता जा रहा है। जूना अखाड़े के महात्माओं और उनके ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या किये जाने के मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए अब साधू-संतों ने उद्धव सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने नागाओं की फ़ौज उतारने का अल्टीमेटम दिया है। सरकार से दखल देने की अपील करते हुए सीबीआई जांच कराए जाने और महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार को बर्खास्त किये जाने की मांग की है।
केंद्र अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा है कि अगर जल्द ही ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो तीन मई को लॉकडाउन ख़त्म होने के बाद नागा साधुओं की अगुवाई में देशभर के संत महात्मा महाराष्ट्र कूच कर उद्धव सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने को मजबूर होंगे। उनके मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार से उन्हें इंसाफ की कोई उम्मीद नहीं है। ऐसे में या तो पूरे मामले की सीबीआई जांच कराई जाए या फिर जांच व कार्रवाई का जिम्मा यूपी व मध्य प्रदेश की सरकार को सौंपा जाए। उधर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र सीएम उद्धव ठाकरे से बात कर कड़ी जांच की मांग की ।
उधर महाराष्ट्र सरकार ने दोषियों पर तुरंत कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। महाराष्ट्र के डीजीपी ने जानकारी दी है कि मामले में अभी तक 110 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। अब सीआईडी मामले की जांच कर रही है। इस मामले में दो पुलिसकर्मियों पर भी गाज गिरी है। घटना की जांच कर रहे कोंकण रेंज के आईजी ने कासा पुलिस स्टेशन के इंचार्ज और सेकेंड ऑफिसर को निलंबित कर दिया है।
जांचगौरतलब है कि 16-17 अप्रैल के दौरान करीब 500 की संख्या में हथियारबंद भीड़ ने स्वामी कल्पवृक्ष गिरि (70), सुशील गिरी महाराज (35) और निलेश तेलगाडे (30) की शक के आधार पर हत्या कर दी थी। दोनों साधु गुजरात के रास्ते पर थे जब यह घटना हुई तो वे धानु में कासा थाना के करीब गढ़चिंचले गांव पहुंचे थे। इस मामले में 3 प्राथमिकी दर्ज करते हुए कासा पुलिस ने 101 लोगों को गिरफ्तार किया और एक स्थानीय अदालत ने सभी आरोपियों को 30 अप्रैल तक रिमांड पर भेज दिया है जबकि 9 अन्य किशोरियों को भिवंडी रिमांड घर भेज दिया गया है।