नई दिल्ली, 12 अप्रैल (वार्ता)। देश में कोरोना वायरस के प्रकोप से निपटने को लेकर न केवल मानव स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है बल्कि इससे वन्य जीवों को भी बचाने को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। वन्य जीवों में यदि कोविड-19 का प्रकोप होता है तो इसकी जांच के लिए देश के पशु अनुसंधान से जुड़ी तीन उत्कृष्ट प्रयोगशालाओं को तैयार रखा गया है। राष्ट्रीय पशु रोग उच्च सुरक्षा संस्थान भोपाल, भारतीय पशु अनुसंधान संस्थान इज्जतनगर और भारतीय अश्व अनुसंधान केन्द्र हिसार को पशुओं के कोरोनावायरस की जांच के लिए तैयार रखा गया है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक पशु विज्ञान भूपेंद्र नाथ त्रिपाठी ने बताया कि सभी तीन प्रयोगशाला जांच के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और विशेषज्ञों को इसके लिए सतर्क किया गया है। अमेरिका में एक बाघ में कोरोना वायरस के लक्षण मिलने के बाद वन एवम् पर्यावरण विभाग ने राज्यों और अन्य संबद्ध एजेंसियों को सतर्क किया है। अमेरिका के बोरोक्स स्थित एक चिड़ियाघर के एक बाघ में पिछले दिनों कोरोना वायरस का लक्षण पाया गया था। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्र ने भोपाल, इज्जतनगर और हिसार प्रयोगशालाओं को कोरोना वायरस के नमूनों की जांच का आदेश दिया है। इन प्रयोगशालाओं को लोगों के कोरोना वायरस के नमूनों के जांच के लिए भी तैयार रखा गया है। इन केंद्रों में बर्ड फ्लू के नमूनों की भी जांच की जाती रही है। वन्य एवं पर्यावरण मंत्रालय ने राज्यों के वन्य जीव वार्डन से राष्ट्रीय उद्यान, वन्य जीव अभ्यारण्य और टाइगर रिजर्व में लोगों की गतिविधियों पर नजर रखने को कहा है। संदेहास्पद वन्य जीवों के नमूनों को जांच के लिए भेजने का भी निर्देष दिया गया है। विशेषकर बाघों पर विशेष नजर रखने को कहा गया है। देश में कुल 2967 बाघ हैं जो विश्व में पाए जाने वाले बाघों का 75 प्रतिशत है।