नई दिल्ली, 13 अप्रैल (वार्ता)। देशव्यापी लॉकडाउन में ठप्प पड़े औद्योगिक क्षेत्र को थोड़ी राहत मिलने वाली है। मोदी सरकार ने कुछ चुनिंदा उद्योगों को राहत देने का एलान किया है। शुक्रवार को मुख्यमंत्रियों के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में इस बात पर विचार विमर्श किया गया है। कुछ मुख्यमंत्रियों ने जरूरी शर्तो के साथ चुनिंदा उद्योगों को लॉकडाउन से बाहर लाने की बात कही। कई केंद्रीय मंत्रियों की ओर से भी प्रधानमंत्री को सुझाव दिया गया है कि उद्योगों को आंशिक रूप से लॉकडाउन में छूट मिलनी चाहिए। इन सभी विचारों को देखते हुए और संबंधित विभागों की राय पर सरकार ने 15 तरह के उद्योगों को न्यूनतम कर्मचारियों के साथ एक शिफ्ट में काम शुरू करने की अनुमति दे दी है।
लॉकडाउन के बीच उद्योग जगत के लिए मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। 14 अप्रैल तक के लिए घोषित देशव्यापी लॉकडॉउन के खत्म होने से पहले ही सरकार ने उद्योगों के पहिए चलाने के लिए जरूरी सहमति देना शुरू कर दिया है। कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच जहां पूरे देश में आम राय है कि लॉकडाउन बढ़ना चाहिए, वहीं अर्थव्यवस्था पर इसके असर को देखते हुए जाम पड़े औद्योगिक पहिए को धीरे-धीरे चलाने का मत भी बन रहा है।
कैबिनेट मंत्रियों की ओर से सुझाव आया कि सड़क निर्माण, आवश्यक वस्तुओं के निर्माण से जुड़े उद्योगों को पहले चरण में उत्पादन शुरू करने की इजाजत दी जा सकती है। अगर कोई उद्योग कोरोना प्रसार से बचते हुए औद्योगिक गतिविधि को शुरू करने का ब्लू प्रिंट देता है तो उसे भी मंजूरी दी जा सकती है। लेकिन उसे यह बताना होगा कि बीमारी से बचने और किसी संक्रमण की स्थिति में इलाज के लिए क्या प्रबंध है। मसलन, उसके पास संक्रमण रोकने के लिए डिसइंफेक्टेंट हो, पास में अस्पताल हो, कम से कम लोगों की मौजूदगी में कार्य हो सके। बताया जाता है कि छोटे और मध्यम दर्जे के उद्योगों को थोड़ी छूट देने की पैरवी की गई है, ताकि उनमें पलायन करने वाले मजदूरों को भी काम पर लगाया जा सके।
उद्योग मंत्रालय ने गृह मंत्रालय को 15 ऐसे उद्योगों की सूची सौंपी है, जिन्हें काम की अनुमति देनी चाहिए। इसी के आधार पर गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को निर्देश जारी किया है।