लखनऊ, 9 अप्रैल (वार्ता)। केन्द्र सरकार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने विधायकों के वेतन में अगले एक साल के लिये 30 फीसदी वेतन कटौती करने का एलान किया जबकि विधायक निधि को एक साल के लिये स्थगित कर दिया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय का फैसला लिया गया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये हुई मंत्रिमंडल की बैठक में चार अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी जिसमें विधायक निधि को एक साल के लिए स्थगित किया गया। इस निधि का उपयोग कोरोना के खिलाफ जंग में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री समेत मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों के वेतन में 30 फीसदी की कटौती का प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूर कर लिया गया वहीं विधयकों के वेतन में भी 30 फीसदी की कटौती की जायेगी। सूत्रों ने बताया कि प्रदेश की आपदा निधि 1951 में बदलाव किया गया। अब तक आपदा निधि में 600 करोड़ की राशि थी जिसे अब बढ़ाकर 1200 करोड़ किया गया है। गौरतलब है कि इससे पहले केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सांसद निधि को दो साल के लिये स्थगित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी थी। इसके अलावा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सांसदों के वेतन में 30 फीसदी कटौती का भी फैसला लिया गया था जिसके बाद से उत्तर प्रदेश सरकार से भी ऐसे ही फैसले की उम्मीद की जा रही थी। उत्तर प्रदेश में बुधवार सुबह तक कोरोना संक्रमित मरीजों की तादाद बढ़ कर 343 हो गयी थी जिसमें तब्लीगी जमात के सदस्यों की संख्या 167 है। सरकार ने आज ही कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर लखनऊ समेत राज्य के 15 जिलों में अतिसंवेदनशील इलाकों को सील करने का फैसला लिया है जिसके तहत बुधवार रात 12 बजे 15 अप्रैल की सुबह तक चुनिंदा इलाकों में अतिरिक्त एहतियात बरती जायेगी।