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Wednesday, November 27, 2024

सम्पादक की कलम से…

18 JANUARY 2023

सम्पादकीय

बिहार में सियासी उठा-पटक

बिहार में कई दिनों से सियासी उठापटक चल रही है।कल मुख्यमन्त्री नीतीश कुमार को भी बयान देना पड़ा। इस मामले में यहाँ तक कहा गया कि बिहार में भी महाराष्ट्र वाला सत्ता बदल का खेल हो सकता है।बिहार के महागठबंधन को लेकर बीजेपी सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में भी महाराष्ट्र की तरह खेल होगा और सरकार बदल सकती है। उनका मानना है कि राज्य में विधायकों और सांसदों का नीतीश कुमार से विश्वास उठ गया है और आने वाले समय में वे बीजेपी में शामिल होंगे।बीजेपी सांसद का यह बयान ऐसे समय में आया है जब आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह की नीतीश कुमार खिलाफ बयानबाजी और बिहार सरकार में मंत्री चंद्रशेखर यादव के रामचरितमानस पर बयान को लेकर बवाल मचा हुआ है। प्रदीप कुमार ने कहा कि महाराष्ट्र में विधायकों और सांसदों का सरकार से विश्वास उठ जाने के बाद जो कुछ हुआ, वो सबके सामने है।आने वाले समय में जेडीयू के सभी सांसद और विधायक बीजेपी में शामिल होंगे।उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार ने ऐलान किया कि तेजस्वी बिहार के अगले मुख्यमंत्री होंगे, लेकिन उनके कहने पर कोई सांसद और विधायक तेजस्वी को सीएम नहीं मानेगा, ये विधायक और सांसद गलत पार्टी में चले गए हैं और गलत लोगों के साथ हैं। इसका नतीजा ये होगा कि उनके सभी सांसद और विधायक उनका साथ छोड़ देंगे और इसमें कोई दो राय नहीं कि बिहार में भी महाराष्ट्र जैसा खेल हो जाए।बिहार के शिक्षा मंत्री डॉक्टर चन्द्रशेखर के बयान पर यह उठापटक चल रही है।डॉक्टर चन्द्रशेखर ने मनु स्मृति और रामचरितमानस को समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया, उन्होंने कहा,रामचरित मानस, दलितों-पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ाई से रोकता है। उन्हें उनका हक दिलाने से रोकता है। चंद्रशेखर रजद से विधायक हैं।शिक्षा मंत्री पटना के ज्ञान भवन में नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के 15वें दीक्षांत समारोह में अतिथि थे। उन्होंने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सशक्त और समृद्ध मोहब्बत से बनेगा, न कि नफरत से। देश में छह हजार से अधिक जातियां हैं। जितनी जातियां हैं, उतनी ही नफरत की दीवार है। जब तक यह समाज में मौजूद रहेगी, भारत विश्वगुरु नहीं बन सकता है।डॉक्टर चंद्रशेखर के बयान पर बिहार से लेकर पूरे देश में सियासी पारा चढ़ा हुआ है।बयान पर बवाल के बाद शिक्षा मंत्री ने कहा है कि रामचरितमानस को लेकर दिए गए अपने बयान पर कायम हैं। जो लोग मेरी जीभ काटना चाहते हैं काटें, कोई तो अमीर हो जाएगा। हम तो जलने वाले लोग हैं, जब तक जलेंगे नहीं, तब तक निखरेंगे नहीं।बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि कहीं कोई विवाद नहीं है। हमारा मानना है कि कोई भी किसी धर्म को माननेवाला है, उसमें कहीं किसी तरह का इंटरफेरेंस नहीं करना चाहिए।उन्होंने कहा कि सब लोग अपने तरीके से धर्म का पालन करें। इसमें कहीं कोई हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। जिसको जो मन है, जैसे पूजा करना है, करे।इस पर शिक्षा मन्त्री का विरोध करने वालों ने कहा है कि नीतीश एक शिक्षा मन्त्री की हठधर्मिता पर कुछ नहीं कहा है वे शास्त्रों पर अज्ञानता फैला रहे हैं और नीतीश कुमार उन्हें बचाते हुए हमें ज्ञान पढ़ा रहे हैं।मामला अलग है और उससे अलग होकर मुख्यमन्त्री बयान दे रहे हैं, कुछ अनपढ़ लोग कह रहे हैं मुख्यमन्त्री नीतीश कुमार ने विवाद पर पूर्णविराम लगा दिया।चंद्रशेखर के बयान के बाद देशभर के सनातन धर्म समर्थक बिहार के शिक्षा मन्त्री को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं। इसी बीच बीजेपी महिला मोर्चा के सदस्यों ने पार्टी कार्यालय के पास स्थित हनुमान मंदिर के सामने बैठ रामायण पाठ किया,मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष ने कहा हम सभी महिलाएं आज हनुमान मंदिर के सामने बैठकर रामायण का पाठ कर रहे हैं। इससे बिहार के शिक्षा मन्त्री चंद्रशेखर को प्रभु श्रीराम की कृपा से सद्बुद्धि मिले,वे रामायण का पाठ करें और रामायण के अर्थ का अनर्थ न करें।बिहार सरकार के आरजेडी कोटे से शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान के बाद पहली बार उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपना मुंह खोला है। एक तरह से तेजस्वी यादव ने अपने मंत्री का बचाव करते हुए पूरे मामले को दूसरी तरफ मोड़ दिया। तेजस्वी यादव ने इस पूरे प्रकरण के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि यह बीजेपी की साजिश है। इसी वजह से इस मसले को बड़ा किया जा रहा है।भले ही नीतश कुमार और तेजस्वी मामले को अपने बयानों से छोटा करने की कोशिश कर रहे हों लेकिन मामला छोटा नहीं हो रहा है।सत्ताधारी गठबंधन में सहयोगी जेडीयू और आरजेडी के बीच विवाद उस वक़्त भी बढ़ गया जब जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार और उनके समर्थकों ने एक हनुमान मंदिर के बाहर तुलसीदास की रची गई रामचरितमानस की कुछ चौपाइयां पढ़ीं।16 वीं सदी में लिखी गई रामचरितमानस पर मन्त्री चंद्रशेखर की टिप्पणी का विरोध करने के लिए उन्होंने मंदिर के बाहर चौपाइयां पढ़ीं।जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने आरजेडी नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं और रामचरितमानस पर चंद्रशेखर और आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह की विवादित टिप्पणी पर चुप्पी पर सवाल उठाए हैं।कुशवाहा ने कहा है कि इस तरह के विवादित बयान देकर चंद्रशेखर और सुधाकर सीधे तौर पर बीजेपी को फायदा पहुंचा रहे हैं।जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने पत्रकारों से कहा,रामचरितमानस इस देश की धरोहर है।कोई भी इस महान ग्रंथ को रिजेक्ट नहीं कर सकता।अपने वक़्त के महान समाजशास्त्री राम मनोहर लोहिया भी अपने जीवन काल में रामायण मेला आयोजित करते थे।चंद्रशेखर की टिप्पणी के बाद प्रदेश में सत्ताधारी गठबंधन के भीतर तो मतभेद के स्वर तो सुनाई दे ही रहे हैं, बल्कि आरजेडी के भीतर भी इसके विरोध में आवाज़ उठ रही है।जहां आरजेडी राज्य अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने चंद्रशेखर का समर्थन किया वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने उनकी आलोचनी की और उन पर पार्टी की छवि बिगाड़ने का आरोप लगाया।

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