उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा की इजाजत देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है.
इस साल कांवड़ यात्रा को मंजूरी देने के यूपी सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने आज स्वतः संज्ञान लिया है. कोर्ट ने कहा कि उत्तराखंड ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए यात्रा रद्द कर दी है. लेकिन यूपी ने ऐसा नहीं किया है. राज्य सरकारों का यह रवैया लोगों को भ्रमित करने वाला है. कोर्ट ने मामले में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. मामले पर शुक्रवार, 16 जुलाई को सुनवाई होगी.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रोहिंटन नरीमन की अध्यक्षता वाली बेंच ने आज एक अखबार में छपी खबर का संज्ञान लेते हुए यूपी सरकार के रवैये पर चिंता जताई. बेंच ने कहा, “हमने आज एक परेशान करने वाली खबर पढ़ी. वह यह कि यूपी सरकार ने कांवड़ यात्रा को मंजूरी दी है. जबकि उत्तराखंड कह चुका है कि इस साल यात्रा नहीं होगी. राज्य सरकारों का रुख समझना चाहते हैं. देश के नागरिक पूरी तरह भ्रमित हैं. उन्हें कुछ समझ मे नहीं आ रहा है.”
पिछले हफ्ते सीएम योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा की सुरक्षा और तैयारियों का जायजा लेने के लिए अधिकारियों के साथ मीटिंग की थी. उन्होंने अधिकारियों से कहा था कि वे कांवड़ संघों से बात करें और यह सुनिश्चित करें कि यात्रा में अनावश्यक भीड़ ना हो.पिछले साल की तरह भी कोरोना को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा पर रोक लगाई है. कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर पूर्व के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कांवड़ यात्रा पर पूरी तरह रोक लगाई थी. पूर्व में कुंभ के आयोजन से सरकार की चारों तरफ किरकिरी हुई थी .