ब्रिक्सटन, 4 अप्रैल। दुनियाभर में कोरोना महामारी की वजह से 58 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। तकरीबन 1 लाख से ज्यादा लोग इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं जिनमें से कुछ लोग ठीक होकर अपने घर वापस जा चुके हैं और कुछ लोग अभी भी अस्पतालों में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। संक्रमित लोगों को आइसोलेशन में रखा जा रहा है और एक बार आइसोलेशन में जाने के बाद ये पता नहीं होता कि वो शख्स वापस अपने घर लौटेगा भी या नहीं। ये बीमारी इतनी भयावह है कि संक्रमित की मौत हो जाने पर भी परिवार के लोगों को उसके अंतिम संस्कार में भी शामिल होने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
कोरोना की वजह से अपने परिजनों को खोने वाले लोगों को कितना दुख झेलना पड़ रहा है। क्योंकि कई लोगों को अंतिम संस्कार में शामिल होने की इजाजत नहीं मिल पा रही है। ऐसा एक मामला ब्रिटेन के ब्रिक्सटन का भी है जहांं सबसे कम उम्र में कोरोना से अपनी जान गवाने वाले 13 साल के इस्माइल मोहम्मद अब्दुलवहब के अंतिम संस्कार को उसकी मां ऑनलाइन ही देख सकी। लड़के की मां और 6 भाई बहनों को भी आइसोलेशन में रखा गया है। कुछ ही लोग इस्माइल के अंतिम संस्कार में शामिल हुए लेकिन उन्हें प्रोटेक्टिव सूट पहनाया गया औऱ दो मीटर की दूरी पर खड़ा किया गया। ब्रिटेन में हर दिन कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।