मुजफ्फरनगर, 7 अगस्त (बु.)। दिल्ली की घटना के बाद उत्तर प्रदेश शासन के सख्त होने पर मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण ने शहर और जिले में अवैध बेसमेंट को लेकर नजर टेढ़ी की है। एमडीए उपाध्यक्ष द्वारा बीते दिनों निरीक्षण के बाद अवैध व अमानक पाए गए बेसमेंट को नोटिस जारी करते हुए उन्हें सील करने की चेतावनी दी गई है। एमडीए ने ऐसे अवैध व अमानक बेसमेंट का उपयोग बंद करने के लिए पंद्रह दिन के भीतर संबंधित भवन स्वामियों को इसकी सूचना उपलब्ध कराने को कहा है।
विगत दिनों दिल्ली के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत के बाद अपर मुख्य सचिव, आवास एवं शहरी नियोजन अनुभाग-9, उत्तर प्रदेश ने बेसमेन्ट में जलभराव से घटित जनहानि सम्बन्धी दुर्घटना के दृष्टिगत अपेक्षित सावधानी एवं सुरक्षा सुदृढ़ किये जाने के उद्देश्य से विभिन्न बिन्दुओं पर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चत किये जाने के निर्देश दिये गये है। इसमें कहा गया कि यदि स्थल पर बेसमेन्ट का निर्माण प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत कराने के उपरान्त किया जा रहा है तो सुनिश्चित किया जाये कि स्थल पर बेसमेन्ट का निर्माण स्वीकृत मानचित्र के अनुसार ही किया जाये एवं बेसमेन्ट के स्वीकृत मानचित्र में उल्लिखित उपयोग यथा- पार्किंग, स्टोरेज के उपयोग हेतु ही किया जाये। यदि अपरिहार्य परिस्थितियों में खुदाई किया जाना आवश्यक हो, तो समुचित मानक सुरक्षा उपायों के साथ ही की जाये, जिससे वहां निवासित व्यक्तियों, कार्यरत श्रमिकों अथवा अन्य को किसी प्रकार की जान-माल का खतरा उत्पन्न न हो। मानसून उपरान्त भी यदि खुदाई की जाती है, तो स्थल पर सुरक्षा उपायों का विशेष ध्यान रखा जाये, जिससे किसी प्रकार की अप्रिय घटना घटित न हो सके, यदि किसी प्रकार की घटना घटित होती है तो उसका उत्तरदायित्व भवन स्वामी का स्वयं का होगा। यदि स्थल पर निर्माण कार्य प्रगति पर है तो स्थल पर बेसमेन्ट का निर्माण स्वीकृति के विपरीत न किया जाये। विगत दिनों एमडीए उपाध्यक्ष कविता मीणा ने शहर में कई संस्थानों के बेसमेंट का निरीक्षण कर उन्हें अमानक या अवैध पाया था। अब एमडीए ने कहा है कि जिन संस्थानाओं/भवन स्वामियों द्वारा बेसमेन्ट में स्वीकृत मानचित्र के विपरीत/अवैध रूप निर्माण के बाद वहां इनका उपयोग किया जा रहा है। उनको 15 दिन के अन्दर बन्द करते हुए समेन्ट के फोटोग्राफ व अन्य अभिलेख सहित प्राधिकरण को सूचित करना सुनिश्चित करें। साथ ही प आशय का प्रमाण पत्र/शपथ पत्र उपलब्ध करायें कि भविष्य में भी आपके द्वारा स्वीकृति के भिन्न समेन्ट का उपयोग नहीं किया जायेगा। यदि भवन स्वामियों द्वारा उपरोक्त निर्देशों का पालन नहीं किया ता है तो 15 दिन के पश्चात बेसमेन्ट के विरुद्ध सील की कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। दिल्ली घटना के बाद इस मामले में कार्रवाई तो शासन के डंडे पर की जा रही है, लेकिन एमडीए के पास स बात का क्या जवाब है कि घर के बाद रेत पड़ा देखकर नोटिस की धमकी देकर अवैध वसूली रने वाले उसके अमले के रहते इतनी बड़ी संख्या में अवैध बेसमेंट बन कैसे गए। फिर तत्काल बर्रवाई के बजाय पंद्रह दिन का समय किस कारण से इन भवनों को दिया जा रहा है।