ऋषिराज राही
मुजफ्फरनगर, 5 अप्रैल (बु.) । शासन द्वारा 31 मार्च तक प्रदेश की सड़कों को आवारा पशुओं से मुक्त करने के आदेश के बावजूद शहर के तमाम इलाकों में आवारा गोवंश कैटवाक करते नजर आ रहे हैं। प्रशासन ने बड़ी संख्या में पशुओं को संरक्षित करने का दावा किया है। इसके बावजूद अभी बड़ी संख्या में आवारा पशु छुट्टे घूम रहे हैं। इनसे जहां हादसों का खतरा बना रहता है, वहीं ग्रामीण अंचल में अभी भी खेतों में फसलों को ऐसे पशुओं से खतरा बना हुआ है। अब लोगों को इंतजार है कि तुगलकपुर कम्हेड़ा में काऊ सेंचुरी बने तो आवारा पशुओं से मुक्ति मिले।
जनपद समेत प्रदेश में आवारा पशु बड़ा सियासी मुद्दा रहे हैं। इसे देखते हुए पिछले माह शासन ने एक आदेश जारी कर सभी जिला प्रशासनों को आदेश दिया था कि सड़कों और खेतों पर घूमने वाले आवारा पशुओं को संरक्षित करने के आदेश दिए थे। इन आदेशों में चेतावनी दी गई थी कि 31 मार्च के बाद आवारा गोवंश सड़कों या खेतों में नजर आने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने इन आदेशों के बाद आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए अभियान भी चलाया। इस दौरान बड़ी संख्या में पशुओं को पकड़कर गौशालाओं में भी संरक्षित किया गया। इसके बावजूद यह समस्या सुरसा के मुंह की तरह मुंह बाये खड़ी है। स्थिति यह है कि शहर में तमाम मुहल्लों में अभी भी आवारा पशुओं को कैटवाक करते देखे जा सकता है। बचन सिंह कॉलोनी, अंकित विहार और आसपास के इलाकों में दर्जनों की तादाद में आवारा पशु दिन भर देख जा सकते हैं। कच्ची सड़क, भोपा रोड, शांतिनगर आदि इलाकों में बड़ी संख्या में आवारा पशुओं को दिन ओर रात घूमते देखा जा सकता है। गांधी कॉलोनी के बाहरी इलाकों और सुभाष नगर में भी यही हाल है। इसके अलावा शहर से सटी आबादियों में यही हाल है। आसपास के गांवों में बड़ी संख्या में आवारा पशु खुले आम घूम रहे हैं। पिछले दिनों जिलाधिकारी ने शुकतीर्थ में काऊ कैचर गाड़ी को रवाना किया था। इसके बाद काफी पशुओं को संरक्षित भी किया गया है, लेकिन समस्या अभी भी विकराल बनी हुई है। कई बार आवारा घूमते यह पशु यातायात के लिए भी बाधा बनते हैं। इसके अलावा ग्रामीण अंचल में खेती को नुकसान अलग करते हैं। लिंक रोड और मंडी समिति रोड पर कूड़े के ढेरों पर जमघट लगा रहता है। नवीन मंडी स्थल पर तो आवारा पशुओं का मेला सा लगा रहता है। इसके पास सब्जी मंडी में बड़ी संख्या में पशु विक्रेताओं द्वारा फेंकी गई सड़ी गली सब्जी के लालच में पहुंचते हैं। सीएम की सख्ती के बाद मुख्य सचिव ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विशेष सचिव ऊर्जा एवं अतिरिक्त स्रोत विभाग राहुल सिंह को मुजफ्फरनगर के लिए नोडल अधिकारी नामित किया है। वे पांच से सात अप्रैल के बीच जिले का भ्रमण करेंगे और शासन को अपनी रिपोर्ट देंगे।