मार्च 2021 तक होगा 50 हज़ार करोड़ का फ़ायदा : वित्त मंत्री
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मंगलवार को 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज के ऐलान के बाद इस पैकेज की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कि और कहा के एसएसएमई सेक्टर को बिना गारंटी के तीन लाख करोड़ रूपए का लोन मिलेगा। इससे करीब 45 लाख लोगों को इसका फायदा होगा और छोटे और लघु उद्योगों को मदद मिलेगी। इसके लिए सरकार ने 6 कदम उठाए हैं। 15 हजार से कम सैलरी वाले कर्मचारियों को सहायता दी जाएगी। इनका ईपीएफ सरकार देगी। संकट में फंसे 2 लाख छोटे उद्योंगों को कर्ज के लिए 20,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
टीडीएस और टीसीएस रेट में कटौती का एलान
वित्त मंत्री ने कहा की टीडीएस और टीसीएस रेट में मार्च 2021 तक 25 फीसदी की कटौती की गई है। इससे 50 हजार करोड़ का लाभ मिलेगा। उन्होंने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनबीएफसी के लिए तीस हजार करोड़ रुपए के स्कीम की घोषणा की है। इस स्कीम से हाउसिंग सेक्टर को बल मिलेगा। वहीं, 90 हजार करोड़ रुपए बिजली वितरण कंपनियों को दी जाएगी।
आयकर रिटर्न दाखिल करने की तारीख 30 नवंबर तक बढ़ाई गई
वित्त मंत्री ने आयकर रिटर्न दाखिल करने की तारीख को बढ़ाकर 30 नवंबर तक कर दिया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि चैरिटेबल ट्रस्टों और गैर-कॉर्पोरेट व्यवसायों के सभी पेंडिग रिफंड तुरंत जारी किए जाएगे।
साथ ही कंस्ट्रक्शन कंपनियों को सहूलियत देते हुए सीतारमण ने कहा कि रेलवे, हाई-वे, सड़क निर्माण कार्य कर रही कंस्ट्रक्शन कंपनियों को 6 महीने के लिए राहत दी गई है। साथ ही कोरोना महामारी के संकट को देखते हुए रियल एस्टेट सेक्टर को RERA से छूट दी जाएगी। वहीं, मकान को पूरा करने के लिए बिल्डरों को भी पूरा समय दिया जाएगा।
कंपनियों का 2 फीसदी ईपीएफ घटा : वित्त मंत्री
वित्त मंत्री ने बताया कि, हर आकार एमएसएमई सेक्टर सरकारी टेंडर में भाग ले सकेंगे। दो सौ करोड़ तक का टेंडर ग्लोबल टेंडर नहीं होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि ज्यादा टर्नओवर के बावजूद भी छोटे उद्योग का दर्जा खत्म नहीं होगा। 10 करोड़ निवेश या 50 करोड़ के टर्नओवर पर भी छोटे उद्योग का दर्जा होगा। साथ ही एमएसएमई को ई-मार्केट से जोड़ा जाएगा। इसमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को फायदा होगा। सैलरी का 24 फीसदी सरकार पीएफ में जमा करेगी। 15 हजार से कम सैलरी पाने वाले कर्मचारियों का ईपीएफ सरकार अगस्त तक देगी। कंपनियों को 12 फीसदी ईपीएफ की बजाय 10 फीसदी देना होगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि आप देख रहे हैं कि 2014-19 के शासन के दौरान भी पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार संवेदनशील, सुनने और जवाब देने वाली सरकार रही। उन्होंने कहा कि इस राहत पैकेज के जरिए सरकार भारत को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश कर रही हैं। तीन महीने में किसानों, गरीबों के लिए कई कदम उठाए गए हैं।