बढ़ी दाढ़ी, टेढ़ी मूंछ : हज्जामों की भी होम डिलीवरी करो ना ‘प्लीज’
मुज़फ्फरनगर, 10 अप्रैल (बु.)। लॉकडाउन को हुए आज 18 दिन हो चुके हैं और घर में रह रहे लोगों के साथ विभिन्न प्रकार की परेशानियां हो रही है। कुछ काम तो ऐसे हैं जो हर दूसरे दिन तीसरे दिन करने जरूरी ही हैं, जैसे सैलून पर जाना और शेविंग करा लेना। 50 फीसदी लोगों को तो घर में शेंविंग करनी आती ही नहीं। नौजवानों में यह आकड़ा 80 फीसदी से भी अधिक है, जिन्होंने आज तक शेविंग घर में बनानी सीखी ही नहीं। पुराने लोगों में तो यह आदत अभी भी जिंदा है और वें तो जैसे-तैसे करके अपनी हजामत कर ही रहे हैं, लेकिन नौजवानों की बड़ी हुई दाड़ी व मूंछे घर के लोगों को जरा भी अच्छी नहीं लग रही और जो लोग मूंछे रखते हैं, उनके साथ तो सबसे बड़ी समस्या यह है कि वह अपनी मूंछे काटनी भी शुरू करते हैं, तो कोई दाईं ओर से अपनी मूंछ छोटी कर लेता है, तो कोई बाईं ओर से और लॉकडाउन से पहले जिन्होंने हेयर सैलून पर जाकर बाल कटवा लिये थे, उनके बाल तो फिर भी ठीक-ठाक दिखाई पड़ रहे हैं, मगर जिन्होंने बाल नहीं कटवाये थे, उनके बाल तो बिलकुल मवालियों जैसे दिखाई पड़ रहे हैं। किसी के बाल आंखों पर पड़े दिखाई पड़ रहे हैं, तो किसी के बाल कानों तक आ गये हैं, लेकिन करें तो करें क्यां। अब हेयर सैलून वाले घर तो आने वाले हैं नहीं।
यही हाल महिलाओं के ब्यूटी पार्लर का भी दिखाई पड़ रहा है। हर तीसरे दिन पार्लर पर जाने वाली महिलायें बैचेनी महसूस कर रही हैं। किसी को अपनी आईब्रो बनवानी है, तो कोई फेशियल कराने के लिए बैचेन है। महिलाओं को तो फिर भी घर में बैठी ब्यूटी संचालिकाओं की मदद मिल रही है, लेकिन पुरूषों को बाल कटवाने में भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। छुपते छुपाते शहर में इक्का दुक्का हेयर सैलून तो खुले हुए दिखाई दे जाते हैं, लेकिन वे भी घण्टा दो घण्टा चोरी छिपे सैलून खोलते हैं और सुबह नौ बजते ही दुकान का शटर बंद कर अपने घरों को वापस लौट जाते हैं। छोटे-मोटे गली मौहल्लों में तो फिर भी इक्का दुक्का दुकानें खुली दिखाई पड़ रही हैं, लेकिन सड़क पर स्थित हेयर सैलून तो किसी भी सूरत में अभी लॉकडाउन के चलते खुल ही नहीं पायेंगे और यदि लॉकडाउन के बाद प्रशासन ने इन्हें खोलने की इजाजत भी दे दी, तो इन हेयर सैलून पर लगने वाली भीड़ सोशल डिस्टेंस को प्रभावित करेगी व कोरोना वायरस फैलने का सर्वाधिक खतरा इन्हीं हेयर सैलून से उपजता दिखाई पड़ सकता है। अभी तो बाल, दाड़ी, मूंछे बढ़े 15 दिन ही हुये हैं, जब 21 दिन बाद हम लोग लॉकडाउन से बाहर निकलेंगे, तो कईयों की हालत तो मजनू, सरीकी दिखाई देगी और कोई सन्त महात्मा जैसे ल बी-ल बी दाड़ी वाले बाबा जैसा दिखाई पड़ेगा। कुछ लोग तो घर बैठे-बैठै अपील कर रहे हैं कि जब प्रशासन किरयाना के सामान की होम डिलीवरी करा सकता है, तो क्यों ना हेयर सैलून के संचालकों व उनपर कार्यरत कर्मचारियों के पास बनवाकर उन्हें होम डिलीवरी की इजाजत दे दें और सैलून पर कार्य करने वाले लोग घर पर आकर ही हजामत व बाल काटने का कार्य क्यों न कर जायें।
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