16.3 C
Muzaffarnagar
Friday, November 29, 2024

हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा बनाने वाला भारतीय

नई दिल्ली, 12 अप्रैल (वार्ता)। कोरोना वायरस (कोविड-ं19) महामारी के उपचार में इस्तेमाल की जा रही दवा हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन को बनाने में महान भारतीय रसायन वैज्ञानिक आचार्य प्रफ्फुल चंद रे की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भारतीय रसायन विज्ञान के जनक माने जानेवाले डॉ. रे ने वर्ष 1896 में पारद नाइट्रेट यौगिक का आविष्कार किया था, जिससे हाईड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन दवा का निर्माण किया गया। आज विश्व में महामारी का रूप ले चुकी कोविड 19 का इलाज करने में इस दवा का इस्तेमाल किया का रहा है। कोविड-ं19 नया वायरस है जिसका अब तक तो न कोई टीका बना है और न ही इलाज की कोई दवा है। दुनियाभर के चिकित्सक कोरोना के इलाज के लिए इस दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारत इस दवा का सबसे बड़ा निर्माता है। डॉ. रे ने वर्ष 1901 में बंगाल केमिकल्स एंड फर्मास्युटिकल्स लिमिटेड स्थापना कि थीं जो उस समय देश की पहली फार्मास्यूटिकल कंपनी थीं। यह कंपनी इस दवा की सबसे बड़ी निर्माता थी। दुनियाभर में अभी इस दवा की कमी हो गई है और अमेरिका में इस बीमारी ने विकराल रूप ले लिया है। वहां भी इस दवा की कमी हो गई है। अमेरिका भारत से यह दवा मंगाता रहा है। भारत ने हाल में अपनी घरेलू जरूरतों को देखते हुए इस दवा के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप में इस दवा की आपूर्ति को लेकर परोक्ष रूप से धमकी पर उतर आए थे। भारत ने कहा था कि वह घरेलू जरूरतों को पूरा होने के बाद पड़ोसी तथा अन्य देशों को इसकी आपूर्ति करेगा।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

Latest Articles