नई दिल्ली, 05 अप्रैल (वार्ता)। वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) ने लॉकडाउन के दौरान विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कर अधिकारियों के लिए कार्यालय तक रिमोट एक्सेस की सुविधा प्रदान की है जिससे जीएसटी से जुड़े काम सुचारू तरीके से चल रहा है। जीएसटीएन ने रविवार को यहां कहा कि उसने अब तक वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) के जरिए 10 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के 1740 कर अधिकारियों को ऑफिस नेटवर्क तक सुरक्षित एक्सेस प्रदान कर दिया है। इसके अतिरिक्त तीन अन्य राज्य वीपीएन के जरिए पहले से ही जीएसटी सिस्टम से जुड़े हैं। इसके अतिरिक्त करदाताओं के लिए भी जीएसटी पोर्टल पहले की ही तरह सुचारू रूप से कार्य कर रहा है। उसने कहा कि 1-2 करोड़ जीएसटी करदाताओं के अलावा जीएसटीएन 29 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को भी जीएसटी के कार्यान्वयन के लिए आईटी सेवाएं प्रदान किया गया है। इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए जीएसटीएन अपने सभी कर अधिकारियों को बैक-ऑफिस एप्लीकेशन जैसे रजिस्ट्रेशन एप्लिकेशन की प्रॉसेसिंग,रिफंड आवेदनों की प्रॉसेसिंग, ऑडिट, असेसमेंट, अपील आदि पर काम करने की क्षमता प्रदान किया है। जो करदाता द्वारा उपयोग किए जाने वाले फ्रंट-एंड इंटरफेस यानी जीएसटी पोर्टल से अलग है। लॉकडाउन की घोषणा के तुरंत बाद जीएसटीएन ने इन सभी राज्यों के टैक्स-अधिकारियों को घर से काम करने के लिए तकनीकी सक्षमता प्रदान करने की पेशकश की थी। इन राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध के बाद नामित अधिकारियों को बैंक ऑफिस एक्सेस के लिए वीपीएन प्रदान किया गया। जिसके बाद वे बिना किसी परेशानी के घर से ही काम कर रहे हैं। यह सुविधा अधिकारियों को बैकलॉग से बचने में मदद कर रही है। जो लॉकडाउन के दौरान कार्यों के पूरा नहीं किए जाने से पैदा हो सकता था। सिस्टम के प्रावधानों के मुताबिक अगर कोई एप्लिकेशन तय सीमा के भीतर प्रॉसेस नहीं हो पाता है तो सिस्टम उसे खुद ही अप्रुव कर देता है। करअधिकारियों को इससे आगे चलकर दिक्कत हो सकती है। क्योंकि इसमें कुछ अधूरे एप्लिकेशन भी स्वीकृत हो सकते हैं। इसलिए अधिकारी इसे मैन्युअली ही प्रॉसेस करना चाहते हैं।