नई दिल्ली, 12 अप्रैल (वार्ता)। कोरोना वायरस के चलते मोरेटोरियम अवधि के दौरान की ईएमआई पर ब्याज की छूट दिए जाने की माँग को लेकर उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है। सामाजिक कार्यकर्ता एवं वकील अमित साहनी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है की बैंक एवं वित्तीय संस्थानों को अपने ऋणी ग्राहकों से मोरेटोरियम अवधि के दौरान की ईएमआई पर ब्याज न लेने का निर्देश दें। याचिका में भारतीय रिजर्व बैंक के उस सर्कुलर की अनदेखी करने पर सर्वोच्च अदालत से हस्तक्षेप की मांग की गई है, जिसमें आरबीआई ने लॉकडाउन के कारण कर्जदारों को मोहलत देते हुए ब्याज पर छूट देने की बात कही थी। याचिका में कहा गया है कि लॉकडाउन के कारण लोग अत्यधिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, जिनसे व्यापार और काम रुक गया है। याचिकाकर्ता ईएमआई को निश्चित अवधि के लिए माफ करने की प्रार्थना नहीं करता बल्कि मोरेटोरियम की अवधि के दौरान का ब्याज ना लेने का आग्रह करता है। याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि नियमित ईएमआई के साथ अतिरिक्त ब्याज का भुगतान करने का कोई अर्थ नहीं है, इसलिए राज्य का कर्तव्य है कि संकट के इस समय में उधारकर्ताओं को छूट दी जाए, जब लोगों की नौकरियों पर संकट हो और उनसे आय से छीन ली गई हो।