मुजफ्फरनगर, 4 अप्रैल (बु)। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए एकमात्र रामबाण इलाज है सोशल डिस्टेंसिंग। पीएम नरेंद्र मोदी अपने हर वीडियो संदेश में बार बार देश की जनता से सोशल डिस्टेंसिंग का आग्रह करते हैं लेकिन शायद कुछ लोग सोशल डिस्टेंसिंग को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। हम बात कर रहे हैं मुजफ्फरनगर के मोरना ब्लॉक के सरकारी अस्पताल की जहां कोरोना से लड़ने के लिए शिक्षामित्रों को ट्रेनिंग दी जा रही है। लेकिन इस ट्रेनिंग के दौरान सरकारी अस्पतालों में सोशल डिस्टेंसिंग सिस्टम की धज्जियां उड़ाई गई हैं। कोरोना फाइटर की भूमिका निभाने वाले 60 शिक्षामित्रों को सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों ने ट्रेनिंग दी। ये शिक्षामित्र स्थिति खराब होने पर डोर टू डोर जाकर डॉक्टरों का साथ निभाएंगे। स्वास्थ्य विभाग की टीमों के साथ एसडीएम जानसठ के आदेश पर शिक्षामित्रों की भी ड्यूटी लगाई गई है जिन्हें शनिवार को पीएचसी बुलाकर प्रशिक्षण दिया गया।