पटना, 9 अप्रैल (वार्ता)। बिहार सरकार ने कारोना महामारी से बचाव एवं राहत कार्यों में सहयोग के रूप में मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक और विधान परिषद सदस्यों के वेतन में अगले एक साल तक 15 प्रतिशत की कटौती कर राशि को कोरोना उन्मूलन कोष में देने का आज निर्णय लिया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई है।
मंत्रिमंडल के इस फैसले के बाद बिहार में कोरोना महामारी से निपटने के लिए मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक और विधान पार्षदों के वेतन से अगले एक साल तक 15 प्रतिशत की कटौती की जाएगी। वेतन से कटौती की गई राशि को कोरोना उन्मूलन कोष में जमा किया जाएगा, जिससे इस महामारी में बचाव एवं राहत कार्य में सहयोग मिलेगा। हालांकि इस कटौती में मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक और विधान पार्षदों के भत्ते को शामिल नहीं किया गया है।
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न असाधारण परिस्थिति से निपटने के लिए संसाधन जुटाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री सहित सभी सांसदों के वेतन में एक साल तक 30 फीसदी की कमी करने के लिए एक अध्यादेश को मंजूरी दी है।
राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और सभी राज्यपालों ने भी इस अध्यादेश से इतर स्वेट्टछा से एक वर्ष तक अपने वेतनों में 30 फीसदी की कमी करने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही सांसद निधि को दो वर्ष के लिए स्थगित कर इसकी राशि को भी देश के कंसोलिडेटेड फंड में रखने का निर्णय लिया गया है।