लखनऊ, 02 अप्रैल (वार्ता)। लाकडाउन के बीच बिजली की मांग में भारी कमी के मद्देनजर ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने देश के सभी राज्यों से मांग की है कि बिजली नहीं खरीदने की दशा में विद्युत वितरण कंपनियों को निजी क्षेत्र की बिजली उत्पादन कंपनियों को फिक्स चार्ज देना बंद करना चाहिये। फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने मु यमंत्रियों को भेजे गये पत्र में मांग की है कि बिजली खरीद करार के अपरिहार्य परिस्थितियों (फोर्स मेंजयूर) क्लाज का उपयोग करते हुए निजी बिजली उत्पादन घरों को नोटिस दे कर बता दिया जाये कि जरूरत न होने पर बिजली न खरीदने की स्थिति में उन्हें फिक्स चार्ज नहीं दिए जायेंगे। विद्युत वितरण क पनियाँ इसकी नोटिस निजी बिजली उत्पादन कंपनियों को तुरंत दे दे। उन्होंने कहा कि राज्यों की बिजली वितरण क पनियाँ पहले ही गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रही है, ऐसे में बिजली की मांग न होने पर बिना बिजली खरीदे उन्हें निजी क्षेत्र के बिजली उत्पादन घरों को पीपीए के अनुसार फिक्स चार्ज देना पड़ता है, जिससे वितरण कंपनियों पर और आर्थिक बोझ आ रहा है। फेडरेशन ने पत्र में लिखा कि जब तक लॉक डाउन चल रहा है और बिजली की मांग नहीं है, तब तक वितरण कंपनियां बिजली खरीद करार में ही निहित $फोर्स मेंज्यूर क्लाज का प्रयोग करते हुए निजी कंपनियों को नोटिस जारी कर बता दें कि चूँकि उनसे अभी बिजली नहीं खरीदनी है, अत: लॉक डाउन रहने तक उन्हें फिक्स चार्जेस नहीं दिए जायेंगे। श्री दुबे ने कहा कि लाक डाउन को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने औद्योगिक उपभोक्ताओं को लॉक डाउन के दौरान बिजली का फिक्स चार्ज देने से छूट दे दी है। यही स्थिति विद्युत वितरण कंपनियों की भी है। अत: उन्हें भी निजी क्षेत्र की बिजली उत्पादन कंपनियों को फिक्स चार्ज देने से छूट मिलनी चाहिए। गौरतलब है कि पावर कार्पोरेशन ने 28 मार्च को ही सभी बिजली उत्पादन कंपनियों को नोटिस भेजकर कह दिया है कि बिजली न खरीदने की स्थिति में कार्पोरेशन उन्हें फिक्स चार्ज नहीं देगा। यूपीपीसीएल ने ललितपुर, बजाज पावर, लैंको, रोजा, एनटीपीसी, एनएचपीसी, न्यूक्लियर पावर कार्पोरेशन, सतलज जल विद्युत निगम, टेहरी डेवलपमेंट कार्पोरेशन, सासन पावर, पावर ट्रेङ्क्षडग कंपनी और राज्य विद्युत उत्पादन निगम को इस बाबत नोटिस दी है। उत्तर प्रदेश के अलावा पंजाब, मध्य प्रदेश और तामिलनाडु ने भी इसी प्रकार की नोटिस निजी कंपनियों को कल दे दी है।