नई दिल्ली, 15 अप्रैल (वार्ता)। उच्चतम न्यायालय ने कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के इलाज में लगे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए श्राष्ट्रीय कोविड-19 प्रबंधन प्रोटोकॉल्य के गठन संबंधी एक जनहित याचिका का बुधवार को निपटारा कर दिया। न्यायमूर्ति एन वी रमन, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बी आर गवई की खंडपीठ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई करते हुए यूनाइटेड नर्सेस एसोसिएशन (यूएनए) की ओर से दायर याचिका का निपटारा कर दिया।
न्यायालय ने याचिका का निपटारा उस वक्त किया जब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायालय के समक्ष कहा, “केन्द्र सरकार नर्सों और मेडिकल स्टाफ़ की कोरोना से सुरक्षा संबंधी शिकायतों की सुनवाई के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी करेगी, जिसपर शिकायत मिलते ही दो घंटे में उसका निवारण किया जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार खुद ही सभी स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा को लेकर भिन्न-भिन्न उपाय कर रही है।
याचिका में में कहा गया था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पहले ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्यकर्मियों के अधिकारों, भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के मानकीकरण के लिए एक अंतरिम मार्गदर्शन जारी किया है, लेकिन भारत सरकार अब तक राष्ट्रीय प्रोटोकॉल तैयार करने में विफल रही है।