18.5 C
Muzaffarnagar
Monday, November 25, 2024

देहरादून में बनती है हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन टेबलेट

देहरादून, 09 अप्रैल (वार्ता)। कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी से जूझ रहे विश्व में अभी तक इससे बचाव की कोई निश्चित दवा नहीं बनने के बावजूद लगातार बढ़ रही हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन (एचसीक्यूएस) दवाई के कारण भारत सुर्खियों में है। देश में अनेक स्थानों पर तैयार होने वाली इसकी गोलियां (टेबलेट) उत्तराखंड के देहरादून में भी बनती हैं। देहरादून के सेलाकुई स्थित सारा फार्मा सिटी स्थित आईपीसीए लिमिटेड (इप्का) लेबोरेटरीज नामक फैक्ट्री में एचसीक्यूएस टेबलेट निर्मित की जाती हैं। यह दवाई आमतौर पर मलेरिया के निदान में प्रयुक्त की जाती है। विश्व में कोरोना संक्रमितों के स्वस्थ होने में यह काफी हद तक सफल हुई है, इसलिये विशेषकर, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इसकी आपूर्ति की मांग की।  इप्का लेबोरेटरीज के सेलाकुई फैक्ट्री के प्रभारी गोविंद बजाज के अनुसार देश में कई स्थानों पर प्लांट संचालित हैं। सेलाकुई के इस प्लांट में अभी तक दो करोड़ टेबलेट प्रति माह तैयार की जाती थीं। कोरोना के प्रकोप के बाद एचसीक्यूएस की बढ़ती मांग के कारण इसका उत्पादन अब पांच करोड़ टेबलेट प्रति माह कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार की ओर से कोई आदेश मिलेगा तो उत्पादन और बढ़ाया जा सकता है। श्री बजाज के अनुसार एचसीक्यूएस टैबलेट बनाने में प्रयुक्त होने वाला कच्चा माल ग्वालियर प्लांट में तैयार होता है। उन्होंने बताया कि पूर्णबंदी के कारण सारी फैक्ट्री बन्द हो गई थीं, लेकिन प्रशासन की मदद से इसे शुरू किया गया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्लांट में तीन सौ कर्मचारी लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने भी इस समय क पनी को दवा की आपूर्ति का आदेश दिया है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

Latest Articles