डेस्क रिपोर्ट, 2 अप्रैल। पूरे विश्व में महामारी का रूप ले चुके कोरोना से हर देश त्रस्त है। भारत समेत एशिया के हर देश की स्थिति लगभग एक जैसी ही है। हर रोज़ कोई ना कोई शख्स कोरोना का शिकार हो रहा है। बात करें यूरोप की तो वहां तो कोहराम मचा हुआ है। यूरोपियन देश स्पेन और इटली सबसे ज्यादा कोरोना से प्रभावित हुए हैं। पूरे महाद्वीप पर हर चार मौतों में से 3 मौत इन्हीं देशों में हो रही हैं। अकेले यूरोप में ही 30 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले चुकी है । संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद मानवता के सामने भीषण संकट है। स्थिति यह है कि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए धरती की तकरीबन आधी आबादी लॉकडाउन की जद में है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पूरे अमेरिका को चेतावनी दी है कि अगले दो हफ्ते बहुत दर्दनाक साबित हो सकते हैं। ट्रंप ने इस स्थिति को ‘प्लेग’ करार दिया है। अमेरिका में कोरोना वायरस के अब तक करीब 1,90,000 मामले सामने आ चुके हैं। संक्रमण के मामलों की संख्या महज पांच दिन के अंदर ही दोगुनी हो गई है। वहीं चीन अब इस महामारी से उबरने लगा है। वहां कोरोना के नए मामलों में कमी देखी गई है।
पूरे विश्व में 41 हजार लोगों की मौत हो चुकी है और 8,30,000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस का मानना है कि वायरस की वजह से असाधारण आर्थिक और राजनीतिक उथल-पुथल की स्थिति पैदा हो रही है तथा विश्व भीषण खतरे का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘…हमारा मानना है कि दूसरे विश्वयुद्ध के बाद हम सबसे बड़े चुनौतीपूर्ण संकट का सामना कर रहे हैं।’
दुनियाभर में लॉकडाउन के चलते कंपनियां बंद हो गई हैं। लोगों को घरों में बैठना पड़ रहा है। इसके चलते पूरे विश्व में आर्थिक अनिश्चितता और अशांति छा गई है। पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था चरमरा रही है और लाखों लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी है। लॉकडाउन के चलते संकट अभी और गहरा सकता है।