नई दिल्ली, 15 अप्रैल (बु)। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण लॉकडाउन-2 का एलान हो चुका है। केंद्र और राज्य सरकारें उचित प्रबंध करने का दावा कर रहे हैं लेकिन कुछ राज्यों में सरकारों के बंदोस्त पर सवाल खड़े हो रहे हैं जिसके कारण ऐसी स्थिति पैदा हो रही है जिसमें लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। महाराष्ट्र के बाद अब दिल्ली में भी यमुना किनारे मजदूरों की भीड़ जुट गई है। उनका कहना है कि पहले प्रशासन की ओर से खाने का इंतजाम किया जा रहा था, लेकिन अब एक टाइम का ही खाना मिल रहा है, वो भी गुरुद्वारे के लोग दे जाते हैं इसलिए वे लोग पलायन करना चाहते हैं।
यमुना नदी के पास पिछले कई दिनों से हजारों की संख्या में लोग रह रहे हैं। सरकार दावा कर रही है कि लोगों को शेल्टर होम में रखा जा रहा है, खाने का पूरा इंतजाम है, जरूरत की चीजें मुहैया कराई जा रही हैं, लेकिन यहां की जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
इधर, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि जो मज़दूर यमुना घाट पर इकट्ठा हुए हैं उनके लिए रहने और खाने की व्यवस्था कर दी है। उन्हें तुरंत शिफ़्ट करने के आदेश दे दिए हैं। रहने और खाने की कोई कमी नहीं है। किसी को कोई भूखा या बेघर मिले तो हमें ज़रूर बतायें।
खैर यहां की स्थिति बेहद ही चिंताजनक है। सोशल डिस्टेंसिंग की चल रही कवायद पर पानी फिरता दिख रहा है। दिल्ली में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 1500 के पार पहुंच चुका है, जबकि 30 लोगों की मौत हो चुकी है। मुंबई के बाद दिल्ली में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित हैं।