जून तक चल सकती है कई चीनी मिलें
मुज़फ्फरनगर, 19 अप्रैल (बु.)। जिले के खेतों में बकाया गन्ने को देखते हुए लग रहा है कि इस बार जून की सड़ी गर्मी में भी चीनी मिलें चलानी पडेंग़ी। खासतौर से पेराई में फिसड्डी मिलों के इलाकों में काफी गन्ना अभी खड़ा है। गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर आज केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान, प्रदेश के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिलदेव अग्रवाल ने जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. सीडीओ आलोक यादव व जिला गन्ना अधिकारी डॉ. आरडी द्विवेदी के साथ जिले की चीनी मिलों के क्षेत्र में बचे हुए गन्ने की समीक्षा की। इसमें किसानों की इस चिंता पर चर्चा की गई कि खेतों में ाारी मात्रा में गन्ना बाकी है। बैठक में जिला गन्ना अधिकारी ने बताया कि जिले की चार चीनी मिलों टिकौला, भसाना, खाईखेड़ी व तितावी चीनी मिल के गन्ने का सर्वे कराकर अनुमान लगा लिया गया है। इन मिलों के नए सर्वे के आधार पर पर्चियां तीन दिन में जारी होने लगेगी। खतौली, मंसूरपुर व मोरना शुगर मिल के क्षेत्र में अभी काफी गन्ना बचा हुआ है और इन मिलों की पर्चियां जारी होने में एक सप्ताह से अधिक का समय लग सकता है। डॉ. संजीव बालियान ने निर्देश दिए कि जब तक मिल क्षेत्र में गन्ना है, पेराई बंद नहीं होनी चाहिए। समीक्षा के दौरान पाया गया कि उपलब्ध गन्ने के आधार पर खतौली व मंसूरपुर मिल को जून माह में भी चलाना पड़ेगा। बैठक में डीसीओ ने बताया कि जिले में करीब 1.90 करोड़ कुंतल गन्ना अभी खेतों में ही खड़ा है। इसमें सबसे अधिक गन्ना खतौली व मंसूरपुर चीनी मिल के क्षेत्र में बचा हुआ है। बचे हुए गन्ने के आधार पर इन दोनों मिलों के जून माह तक पेराई किए जाने की संभावना है। पेराई सत्र में कई दिन खराब रहने के कारण मोरना मिल के पास भी काफी गन्ना बचा हुआ है। राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने बताया कि जिले की चार चीनी मिलों टिकौला, भसाना, खाईखेड़ी व तितावी मिल से तीन दिन में पर्चियां जारी होने लगेंगी। उन्होंने कहा कि खतौली और मंसूरपुर मिल ने अपना गन्ना दूसरे मिलों को डायवर्ट करने की प्रार्थना भी की है, लेकिन पहले संबंधित चीनी मिल अपना गन्ना पेराई करेंगी। इसके बाद जरूरी हुआ तो चीनी एवं गन्ना आयुक्त ही गन्ने को डायवर्ट करने के बारे में निर्णय लेंगे। केंद्रीय मंत्री ने डीएम से गन्ने का बकाया भुगतान कराने के लिए भी मिलों पर दबाव बनाने को कहा।