नई दिल्ली, 10 अप्रैल (वार्ता)। कोरोना वायरस कोविड-19 के मद्देनजर लॉकडाउन के बीच दिल्ली का इंदिरा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा देश के जरूरी चिकित्सा उपकरण तथा अन्य सामग्रियों के आयात का केंद्र बन गया है। लॉकडाउन के दौरान देश में नियमित यात्री विमान सेवा बंद हैं, लेकिन दिल्ली हवाई अड्डे पर रोजना 20-22 मालवाहक विमानों की आवाजाही हो रही है। इसमें कोरोना से लड़ने के लिए विदेशों से जरूरी सामन लेकर आने वाले विमान भी शामिल हैं। लॉकडाउन के दौरान विभिन्न देशों से करीब 19 लाख मास्क, हैंड सेनेटाइजर की दो लाख बोतलें, स्वास्थ्य कर्मियों के लिए निजी बचाव के डेढ़ लाख किट और 50 हजार चिकित्सा उपकरण यहाँ लाये गये हैं। दिल्ली से ये जरूरी सामान लाइफलाइन उड़ान्य के तहत मुंबई, बेंगलुरु, विजयवाड़ा, कोचीन, हैदराबाद, पर्वतीय तथा पूर्वात्तर के राज्यों और द्वीपीय इलाकों में पहुँचाये जा रहे हैं। दिल्ली हवाई अड्डे के एक अधिकारी ने बताया कि चिकित्सा तथा राहत सामग्री लेकर रोजना तीन-चार चार्टर्ड उड़ानें पटना, वाराणसी, गुवाहाटी, नागपुर और बड़ौदा जैसे शहरों के लिए जा रही हैं। आने वाले दिनों में ऐसी उड़ानों की संख्या बढ़कर आठ-दस पर पहुँचने की उम्मीद है। हवाई अड्डे का संचालन करने वाली कंपनी दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विदेह कुमार जयपुरियार ने बताया कि आयातित कार्गा के लिए कंपनी वेयरहाउस का क्षेत्रफल बढ़ा रही हे। साथ ही सीमा शुल्क विभाग से कोर्गा टर्मिनल पर कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने का भी अनुरोध किया गया है ताकि विदेशों से आने वाले सामान को कस्टम की क्लियरेंस जल्दी मिल सके। दिल्ली हवाई अड्डे की मौजूदा क्षमता सालाना 18 लाख टन कार्गा के प्रबंधन की है, जिसे 2.3 लाख टन तक बढ़ाया जा सकता है। अब वेयरहाउस का दायरा पाँच हजार वर्ग मीटर और बढ़ाया जा रहा है।