नई दिल्ली, 7 अप्रैल (बु.)। कोरोना के कहर से पूरी दुनिया त्रस्त है यहां तक कि विश्व का सबसे ताकतवर देश भी इसे रोकने में असमर्थता दिखा चुका है। आखिरकार अमेरिका को अब भारत का सहारा है। कोरोना के इलाज में कारगर मानी जाने वाली दवा हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का अमेरिका को बेसब्री से इंतजार है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मेदी से खुद फोन पर बात कर इस दवा के निर्यात को खोलने की मांग की है। अमेरिका के अनुरोध पर भारत ने मलेरिया की दवा हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन और एक अन्य महत्वपूर्ण दवा पैरासीटामॉल के अमेरिका को निर्यात की मंजूरी दे दी है।
दरअसल हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का इस्तेमाल मलेरिया के अलावा आर्थराइटिस में भी होता है, जबकि पैरासीटामॉल का इस्तेमाल बुखार और दर्द के इलाज में किया जाता है लेकिन हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को कोरोना संक्रमण के इलाज में भी काफी कारगर माना जा रहा है। इसके साथ ही, अब कुल 14 दवाओं के निर्यात को मंजूरी दी गई है। इसके लिए खुद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी को फोन किया था ट्रंप के एक बयान पर कहा गया कि वे भारत को धमकी दे रहे हैं। ट्रंप के इस बारे में बयान की शशि थरूर ने भी की है आलोचना।
पीएम मोदी से अपनी बातचीत के बारे में ट्रंप ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, ‘मैंने पीएम मोदी से रविवार सुबह बात की है, भारत से हमारे बहुत अच्छे संबंध हैं.’। क्लोरोक्वीन के निर्यात पर रोक के बारे में एक सवाल पर ट्रंप ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि यह उनका (पीएम मोदी का) निर्णय होगा। वर्षों तक भारत व्यापार के मामले में अमेरिका का फायदा लेता रहा है। मैंने उनसे बातचीत में कहा कि यदि आप हमारी सप्लाई को आने की इजाजत दें तो यह सराहनीय होगा। वह दवाओं के आने की इजाजत नहीं देते तो भी कोई बात नहीं, लेकिन निश्चित रूप से इसके बदले में हम भी कुछ कर सकते हैं. क्या हमें ऐसा नहीं करना चाहिए?
ट्रंप के इस बयान को धमकी की तरह देखा गया और भारत में विपक्षी दलों ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान की आलोचना की है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव की ओर से बयान जारी किया गया। विदेश मंत्रालय ने कहा है, ‘हमारी प्राथमिकता ये है कि जरूरत की दवाइयों का देश में भरपूर स्टॉक हो, ताकि अपने लोगों की जरूरतों को पूरा किया जा सके। इसी के चलते कई दवाइयों पर कुछ समय के लिए निर्यात पर रोक लगाई थी, लेकिन लगातार नए हालात को देखते हुए सरकार ने कुछ दवाओं पर लगी निर्यात की रोक हटा दी है’।