मुज़फ्फरनगर, 28 मार्च (बु.)। विश्व में वैश्विक मुसीबत का सबब बने कोरोना वायरस के बीच हुए लॉकडाउन में लोगों को बचाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा की गई तैयारियों के बीच भलें ही अधिकारी अलर्ट मोड पर हैं, लेकिन उक्त संक्रमण से अनजान सामान खरीदने वाले लोगों ने 22 घंटों तक घरों में सुरक्षित रहने के बाद अपनी जान की सुरक्षा को स्वयं ही दांव पर लगा दिया। हालांकि शनिवार को भी पुलिस जवान घरों से बाहर निकले लोगों को लॉकडाउन के बीच सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर जागरूक करते नजर आये। इस बीच घरों से जरूरत का सामान लेते वक्त सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रखने को उतनी सं या में सजग नहीं, जितने की उन्हें होना चाहिए, यही बड़ी लापरवाही आने वाले दिनों में दु:खदायी साबित हो जाए, तो अतिश्योक्ति न होगी। जी हां, यही है जिला प्रशासन की स ती और पुलिस के जवानों द्वारा की गई मुश्तैद ड्यूटी का भीतरी सच। शनिवार को जब बुलेटिन की टीम नगरीय क्षेत्र में निकली तो अधिकांश बैंकों व दुकानों के बाहर सभी जगह पालिका टीम द्वारा सर्किल बनाए दिखाई गए। हालांकि कुछ जगह लोग सुरक्षा को लेकर सर्किल डिस्टेंसिंग का पालन करते नजर आ रहे हंै, वहीं कुछ जगहों पर स्थितियां इसके उलट भी नजर आ रही हैं, जो आने वाले दिनों में जनपद में संक्रमण के बढऩे की आशंका की ओर इशारा करता है। उक्त मामले में अभी प्रशासन को ओर अधिक प्रयास करने होंगे। इससे इंकार नहीं किया जा सकता। देश में वैश्विक मुसीबत बने कोरोना वायरस को लेकर प्रशासन की तैयारियों का नगर के मेडिकल स्टोर से लेकर खाद्य सामग्री की दुकानों से ले कर सब्जी की दुकानों व ठेलों तक के बाहर उल्लघंन होता नजर आ रहा है। कोरोना वायरस की जंग में कारगर सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर लोगों की उपेक्षा चिंता का कारण है, जिसके लिए उनका सजग होना जरुरी है। बुलेटिन की टीम ने लॉकडाउन में मिली 3 घंटे की राहत के बीच नगर क्षेत्र का भ्रमण किया तो दो तरह के हालात दिखाई दिए। इनमें बड़ी संख्या खरीदारी के लिए घरों से बाहर निकले लोगों में प्रशासन द्वारा बनाए गोलों में खड़े हो अपनी बारी का इंतजार करते लोगों की बड़ी सं या देखने को मिली, वहीं एक के बाद दूसरे ग्राहकों की बढ़ती संख्या के बीच ऐसे लोगों के सबब का पैमाना टूटता दिखा। शनिवार को ऐसे ही हालात जिला परिषद मार्किट में दोपहर को दिखाई दिए। इस बीच जहां मार्किट के बाहर चारों ओर वाहनों की कतारें लगी थी, वहीं अन्दर का नजारा भी कुछ जुदा नहीं था। यहां पहुंचे तमाम फुटकर दवा विक्रेता दुकान के बंद चैनल के पीछे कई-कई खड़े दुकानदारों को अपनी बारी के लिए बाहर सोशल डिस्टेंसिंग की व्यवस्था को तोड़ते दिखाई दिए। ऐसे में जल्दी से घर लौटने की हड़बड़ाहट में दुकानों के बाहर बनाए गोले औपचारिकता मात्र रह गए। हालांकि ऐसे लोगों की सं या कम नहीं, जिन्होंनेे जरुरत का सामान खरीदते वक्त सोशल डिस्टेंस का पालन करते दिखाई दे रहे हैं, वहीं ऐसे लोगों की कमी नहीं, जो व्यवस्थाओं को दरकिनार कर एक दूसरे से आगे निकलने की जल्दी में इन तोडऩे में लगे हैं। शनिवार को इस कड़ी में एक ओर जहां किरयाने की दुकान के बाहर गोलों में खड़े लोग मास्क लगाए अपनी बारी का इंतजार करते दिखाई दिए। वहीं शनिवार को दाल मंडी से लेकर सब्जी और दवा दुकानों पर जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए गोले भीड़ की लापरवाही के बीच दम तोड़ गए।