मोरना, 28 मार्च (बु.)। लॉकडाउन के चौथे दिन प्रशासन लगातार मुस्तैद रहा लोगों को घरों में कैद करने के प्रयासों में पुलिस ने सख्ती अपनाई हुई है। शनिवार को पुलिस ने गली मौहल्लों में जाकर चौपाल लगाने वालों को फटकार लगाते हुए कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। मोरना, भोकरहेड़ी, किशनपुर, करहेड़ा सहित कई स्थानों पर पुलिस ने गली मौहल्लों में जाकर चौपाल लगाने वालों को हड़काया। किशनपुर गांव में पुलिस ने पंचायत लगाने वालों के तख्त कुर्सियां तोड़ दी तथा वहां रखी सामग्री को खुर्दबुर्द कर दिया। भोकरहेड़ी के मौहल्ला नई बस्ती व बस स्टैंड पर पुलिस ने छापामार कर चौराहों पर खड़े व्यक्तियों को तितर-बितर किया। वहीं भोपा की गलियों में लापरवाह ग्रामीण इधर-उधर टहलते रहे। क्षेत्राधिकारी राममोहन शर्मा ने बताया कि ककरौली व भोपा थाना क्षेत्र के गांवों में जाकर स्थिति पर पैनी नजर रखी जा रही है। अनावश्यक रूप से घर से बाहर निकलने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। बाहर से आए व्यक्तियों को लेकर ग्रामीण आशंकित हैं। गांव में बाहर से आए व्यक्तियों के स्वास्थ्य की जांच स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा की गई तथा परिवार से कुछ दिन दूरी बनाने को कहा गया। भोकरहेड़ी, सीकरी, नगला बुजुर्ग, इलाहाबास आदि गांवों में पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बाहर से आए व्यक्तियों के स्वास्थ्य की जांच की, जिसमें किसी भी व्यक्ति को कोई लक्षण घातक बीमारी के नहीं पाए गये। बाहर से आए व्यक्तियों को अपने स्वास्थ्य पर नजर रखने को परिवार से अलग रखने की सलाह दी गई। कोरोना वायरस को लेकर पनपी आशंकाओं को देखते हुए ढांचागत स्वास्थ्य सेवाओं का भारी अभाव है। ऐसे में निजी सहयोग का उत्साहवर्धन तथा निजी व्यवस्थाओं को प्रयोग में लेना वक्त की जरूरत है। किसी भी विपरीत परिस्थिति की संभावना को लेकर प्रशासन योजना तैयार कर रहा है। स्कूल, कॉलेज, आश्रम आदि में आपातकालीन व्यवस्था को बनाने के लिए निजी सहयोग तथा प्रशासनिक व्यवस्था संयुक्त रूप से व्यवस्था तैयार करने को विचार जारी है। मोरना, भोपा क्षेत्र में सैंकड़ों आईसोलेटिड कमरों की व्यवस्था को लेकर योजना बनाये जाने पर विचार जारी है। लॉकडाउन के चलते बेरोजगार हुए निर्धन परिवार को भूखा न रहना पड़े, इसके लिए कुछ समाजसेवियों ने मदद के लिए हाथ बढ़ाएं हैं। मोरना में युवा भाजपा नेता अमित राठी द्वारा निर्धन परिवारों को खाद्य सामग्री वितरित की गई। वह एक अन्य समाजसेवी द्वारा सैकड़ों निर्धन परिवारों को घर-घर जाकर खाद्य सामग्री का वितरण किया गया।